पीएम नरेंद्र मोदी ने किया लाइट हाउस प्रोजेक्ट का शिलान्यास, फ्लैट की कितनी होगी कीमत? जानें यें जवाब
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देश के फोकस गरीब और मध्यम वर्ग की जरूरतों पर लाइट हाउस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया
नई दिल्ली/न्यूज नाउ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नए साल के पहले दिन इंदौर में बनने वाले महत्वाकांक्षी लाइट हाउस प्रोजेक्ट (एलएचपी) का शिलान्यास किया। इस कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित मध्यप्रदेश शासन के मंत्री एवं अन्य जनप्रतिनिधि भी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।
PM Narendra Modi का भाषण
>> जो लोग हमारे मज़दूर के सामर्थ्य को स्वीकार नहीं करते थे कोरोना ने उन्हें स्वीकार करने के लिए मज़बूर कर दिया। शहरों में हमारे श्रमिकों को उचित मूल्य पर किराए का मकान उपलब्ध नहीं होते हैं। हमारे श्रमिक गरिमा के साथ जीवन जिए ये हम सब देशवासियों का दायित्व है। इसी सोच के साथ सरकार उद्योगों के साथ और दूसरे निवेशकों के साथ मिलकर उचित किराए वाले घरों का निर्माण करने पर बल दे रही है और कोशिश ये भी है कि जहां वो काम करते हैं उसी इलाके में उनका मकान हो।
>> देश का रियल एस्टेट सेक्टर निरंतर मजबूत हो इसके लिए सरकार की कोशिश लगातार जारी है। मुझे विश्वास है कि हाऊसिंग फॉर ऑल का सपना जरूर पूरा होगा।
>> इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन पर होने वाला निवेश और विशेषकर हाउसिंग सेक्टर पर किया जा रहा खर्च अर्थव्यवस्था में force multiplier का काम करता है। इतनी बड़ी मात्रा में स्टील, सीमेंट, कंस्ट्रक्शन मैटीरियल का लगना पूरे सेक्टर को गति देता है।
>> पिछले साल कोरोना संकट के दौरान ही एक और बड़ा कदम भी उठाया गया है। ये कदम है Affordable rental housing complex योजना। इस योजना का लक्ष्य हमारे वो श्रमिक साथी हैं, जो एक राज्य से दूसरे राज्य में या गांव से शहर में आते हैं।
>> इन घरों की चाबी से कई द्वार खुल रहे हैं। घर की चाबी हाथ आने से सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन का द्वार खुलता है। इससे एक आत्मविश्वास आता है। ये चाबी उनकी प्रगति का द्वार भी खोल रही है

>> हाऊसिंग फॉर ऑल इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जो चौतरफा काम किया जा रहा है, वो करोड़ गरीबों और मध्यम वर्ग परिवारों के जीवन में परिवर्तन ला रहा है। ये घर गरीबों के आत्मविश्वास को बढ़ा रहे हैं। ये घर देश के युवाओं का सामर्थ्य को बढ़ा रहे हैं।
>> लोगों के पास अब RERA जैसे कानून की शक्ति भी है। RERA ने लोगों में ये भरोसा लौटाया है कि जिस प्रोजेक्ट में वो पैसा लगा रहे हैं, वो पूरा होगा, उनका घर अब फसेंगा नहीं। आज देश में लगभग 60 हजार रियल एस्टेट प्रोजेक्ट RERA के तहत रजिस्टर्ड हैं। इस कानून के तहत हजारों शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है।
>> सरकार के प्रयासों का बहुत बड़ा लाभ शहरों में रहने वाले मध्यम वर्ग को हो रहा है। मध्यम वर्ग को अपने घर के लिए एक तय राशि के होम लोन पर ब्याज में छूट दी जा रही है। कोरोना संकट के समय भी सरकार ने होम लोन पर ब्याज पर छूट की विशेष योजना शुरु की।
>> गरीबों को मिलने वाले घर के साथ-साथ दूसरी योजना को भी एक पैकेज की तरह जोड़ा गया है। गरीब को जो घर मिल रहे हैं, उसमें पानी, बिजली, गैस, शौचालय और अन्य आवश्यक सुविधाएँ सुनिश्चित की जा रही हैं।
>> शहर में रहने वाले गरीब हों या मध्यम वर्ग, इन सबका सबसे बड़ा सपना होता है, अपना घर। वो घर जिसमें उनकी खुशियां, सुख-दुख, बच्चों की परवरिश जुड़ी होती हैं। लेकिन बीते वर्षों में लोगों का अपने घर को लेकर भरोसा टूटता जा रहा था। घरों की कीमतें इतनी ज्यादा हो गईं थी कि अपने घर का भरोसा टूटने लगा था। एक वजह ये थी कि कानून हमारा साथ देगा या नहीं, हाउसिंग सेक्टर की ये स्थिति थी कि लोगों को शंका थी कि गड़बड़ हो जाने की स्थिति में कानून उनका साथ नहीं देगा। बैंक की ऊंची ब्याज दर, कर्ज मिलने में होने वाली दिक्कतें भी इसका एक कारण थीं।
>> देश में ही आधुनिक हाउसिंग तकनीक से जुड़ी रिसर्च और स्टार्टअप्स को प्रमोट करने के लिए आशा इंडिया प्रोग्राम चलाया जा रहा है। इसके माध्यम से भारत में ही 21वीं सदी के घरों के निर्माण की नई और सस्ती तकनीक विकसित की जाएगी।
>> विशेषज्ञों को तो इसके विषय में पता है। लेकिन देशवासियों को भी इनके बारे में जानना जरूरी है। क्योंकि आज तो ये तकनीक एक शहर में इस्तेमाल हो रही है , कल को इन्हीं का विस्तार पूरे देश में किया जा सकता है।
>> ये प्रोजेक्ट आधुनिक तकनीक और इनोवेटिव प्रोसेस से बनेंगे। इसमें कंस्ट्रक्शन का समय कम होगा और गरीबों के लिए ज्यादा affordable और कम्फ़र्टेबल घर तैयार होंगे।
>> ये लाइट हाउस प्रोजेक्ट अब देश के काम करने के तौर-तरीकों का उत्तम उदाहरण है। हमें इसके पीछे बड़े विजन को भी समझना होगा। एक समय आवास योजनाएं केंद्र सरकारों की प्राथमिकता में उतनी नहीं थी, जितनी होनी चाहिए। सरकार घर निर्माण की बारिकियों और क्वालिटी में नहीं जाती थी।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज इंडिया अंतर्गत प्रतिस्पर्था के माध्यम से इंदौर का चुनाव राष्ट्रीय स्तर पर लाइट हाउस प्रोजेक्ट (एलएचपी) के निमार्ण के लिए भारत सरकार, आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय द्वारा किया गया है। लाइट हाउस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के लिए देश के स्वच्छतम शहर इन्दौर का चुनाव होना, मध्यप्रदेश के लिए गौरव की बात है।
इंदौर में एलएचपी के क्रियान्वयन से भवन निमार्ण की नवीन तकनीकों को प्रदेश में प्रोत्साहन मिलेगा और नवीन तकनीकों के उपयोग से निमार्ण अवधि भी कम होगी। इंदौर में निर्मित होने वाले इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में पूर्वनिर्मित सैंडविच पैनल प्रणाली के माध्यम से 1,024 आवासीय इकाइयों का निमार्ण किया जाना है। इस प्रीफेब्रिकेटेड पूर्वनिर्मित सैंडविच पैनल प्रणाली में दीवार पैनल, सीमेंट फाइबर बोर्ड के बीच हल्के वजन वाले कंक्रीट के कोर के साथ बना हुआ अभिनव निमार्ण पद्धति हैं।
मध्यप्रदेश में इस तरह के सैंडविच पैनल प्रणाली के साथ पहली बार इतने बड़े पैमाने पर किसी भवन निमार्ण परियोजना में उपयोग किया जा रहा है। लाइट हाउस प्रोजेक्ट की क्रियान्वयन अवधि में विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं जैसे आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी, अन्य इंजीनियरिंग कॉलेज व राज्य की निमार्ण एजेंसियों द्वारा इसका उपयोग लाइव प्रयोगशाला के रूप में किया जा सकेगा।
निमार्ण अवधि पूर्ण होने के पश्चात भी वर्कशॉप एवं साइट विजिट के माध्यम से विद्यार्थियों व शोधकतार्ओं द्वारा उपयोग की जा रही प्रीफेब्रिकेटेड पूर्वनिर्मित सैंडविच पैनल प्रणाली की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। साथ ही लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तकनीकी नवाचार का लाभ देश के अन्य शहरों को मिल सकेगा।
इंदौर स्वच्छता के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर चुका है और लाइट हाउस प्रोजेक्ट के माध्यम से इंदौर नवीन निमार्ण तकनीकी के प्रोत्साहन में भी देश को वैश्विक स्तर पर एक लीडर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करेगा।