आदिवासी मीणा समाज ने महापंचायत में 11 नियमों की पालना को दी स्वीकृति
1 min readगंगापुर तहसील के गांव खंडीप में जुटे समाज के पंच-पटेल, कुरीतियों के मिटाने पर दिया जोर
शिबराज मीणा | जयपुर
समाज की मुख्यधारा में कदम से कदम मिलाते हुए आदिवासी मीणा पंच-पटेल की महापंचायत की ओर से महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। गंगापुर तहसील के गांव खंडीप में समाज के पंच-पटेलों ने कुरीतियों के मिटाने के लिए 11 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर दिया है।
महापंचायत की ओर से दिए गए सुझावों के 11 बिंदु इस प्रकार हैं : –
- संविधान के अनुच्छेद 13 (3) (क) के अनुसार आदिवासी मीना समुदाय की रूढ़ी व परंपराओं के आधार पर पंचायतों की न्याय व्यवस्था को मजबूत कर संचालित करना।
- सभी प्रकार के मादक पदार्थों का निषेध ।
- विवाह योग्य युवती को देखने के िलए मात्र दो-तीन ही व्यक्ति जाएंगे। गोद भराई पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई। इसके साथ ही अधिकतम 11 व्यक्तियों द्वारा सगाई की रस्म भावी वर पक्ष के घर पर ही पूर्ण करनी होगी आैर मिलनी (गोद भराई की रस्म) का कार्यक्रम उसी दिन संपन्न िकया जाएगा।
- विवाह की रस्म में लगन के दौरान वधु पक्ष को केवल दूल्हा-दुल्हन की पोशाक ही लानी होगी, इस दौरान टीका रस्म पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है।
- जन्मदिन समारोह के भव्य आयोजन और भाई दूज पर अनावश्य खर्च करने पर भी पूर्णतया प्रतिबंध लागू किया गया है।
- बारात, फेरे एवं दुल्हन की विदाई एक ही दिन में संपन्न की जाए। बारात के समय बहन-बेटी द्वारा दूल्हे को नोटों की माला पहनाने पर पूर्णतया पाबंदी रहेगी, साथ ही बहन-बेटी को लूगड़ी के स्थान पर मात्र ₹100 रु. देने का नियम तय किया गया, साथ ही इस दौरान डीजे पर पूर्णतः प्रतिबंध।
- भात-पहरावणी में दूल्हा-दुल्हन के माता-पिता, दादा-दादी, भाई-बहन, चाचा-चाची, ताई-ताऊ, बुआ-फूफा को ही शामिल किया जाएगा। इनके अलावा अन्य रिश्तेदारों को अधिकतम ₹100 रु और अन्य व्यवहारी, पटेलों को ₹10-10 रुपए देने का प्रावधान किया गया है, वहीं गांव के हर परिवार को एक रुपए की मिलनी देना तय किया गया है।
- भात व कन्यादान के समय नारियल पताशों पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी।
- जामणा के दौरान पीहर पक्ष की ओर से मात्र दो ही लोग आएंगे और दो वेश व अधिकतम 1100 रुपए ही दिए जा सकेंगे।
- अंतिम संस्कार में लूगड़ी धोती पर पूर्णतया पाबंदी की गई है। इस दौरान केवल नारियल देने अर्पित की जा सकेगी। अस्थि विसर्जन और तीये की बैठक में केवल 5 जने ही जाएंगे। इस दौरान कच्चा-पक्का खाना वर्जित रहेगा, साथ ही बर्तन व पैसों पर पूर्णतया पाबंदी रहेगी और मृत्यु भोज पूर्णतया बंद रहेगा और केवल पगड़ी रस्म ही होगी।
- निमंत्रण पत्रों के स्थान पर मोबाइल द्वारा दी जाने वाली सूचना ही मान्य होगी।
इस अवसर पर प्रदेश सहसंयोजक पृथ्वीराज मीणा, पूर्व सरपंच बगलाई , पूर्व सरपंच रामहेत, रम्भू पटेल, किरोडीलाल सरपंच, श्री पटेल, शंकर पटेल, शिवदयाल कटकड , रामसहाय कटकड , रिद्धिचन्द मोहचा , हरि पटेल मोहचा, रामप्रसाद फलबाडा आदि मौजूद रहे।
महापंचायत में 12 गांव जगरवाड़ (गोत्र), 16 गांव मच्या (गोत्र), मैडी ,बड़ौदा आदि गांवों के समाजबंधुओं ने शिरकत की। इस दौरान ओंकार, रामसहाय कटकड, भौमसिंह पटेल, विजेन्द्र पटेल , रामसिंह पटेल, घन्सी पटेल, मोहरसिंह पटेल, पृथ्वीराज पटेल, मोतीलाल पटेलआदि गणमान्य लोग सहित अन्य गणमान्य लोगों की माैजूदगी में समाज सुधार का निर्णय लिया गया।